इस संग्रह से कुछ कवितायेँ मैं आपके पाठकों तक पहुंचाने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा हूँ....उम्मीद है ये कवितायेँ आपको भी वैसे ही पसंद आयेंगी जैसे मुझे आयीं... पाठक उनसे संपर्क करना चाहें,मैं उनके लिए फोन नंबर दे रहा हूँ...9470101657
सीख
लड़की
मत देखो आसमान
सितारे उतर आएँगे
आँखों में
लड़की
मत निहारो फूलों को
टँक जाएँगे बालों में।
पर्वतों के पार जो
उगा बड़ा-सा सूरज अभी-अभी
तुम्हारी हँसी देखने को
रुक जाएगा
ठहर जाएगा अब
इसी घाटी में।
लड़की
रुक जाओ
थम जाओ
किसी नदी का रुख
मुड़ न जाए कहीं
तुम्हारे गीतों से।
इसीलिए
रुक जाओ
थम जाओ
किसी नदी का रुख
मुड़ न जाए कहीं
तुम्हारे गीतों से।
इसीलिए
वापस हो जाओ
सुरक्षित रहो हमारी
निषेधों की दुनिया में।
क्योंकि
अच्छा हुआ
कि मैं सीता नहीं
तुम राम नहीं
केवल मनुष्य हैं हम।
अग्नि-परीक्षा
लेते नहीं
देते नहीं
क्योंकि हमें
एक-दूसरे से प्यार है बहुत,
क्योंकि हमें
एक-दूसरे से प्यार है बहुत।
क्योंकि हमें
इतिहास बनने के लिए
नहीं करनी है कोई लीला।
अच्छा है
अच्छा है
बहुत अच्छा है,
कि बादल
कभी बिकता नहीं
किसी बाजार में।
अच्छा है
बहुत अच्छा है
कि हवा
कभी रुकती नहीं
किसी के लाॅन में।
अच्छा है,
बहुत अच्छा है,
कि झरना
कभी गिरता नहीं
किसी के फार्म मंे।
अच्छा है,
बहुत अच्छा है,
कि धूप
कभी टिकती नहीं
किसी परदेशी के प्लान में
अच्छा है,
बहुत अच्छा है,
कि
बादल,
हवा,
धूप,
झरना
कभी जाते नहीं
किसी के पर्सनल एकाउंट में,
नहीं तो
पता नहीं
कहाँ जाते
दुनिया के
बिन खाते के बाकी जीव।